“शिव परिवार” हिंदू देवता शिव के परिवार को संदर्भित करता है, जिन्हें त्रिमूर्ति (हिंदू धर्म में सर्वोच्च देवता के तीन प्राथमिक पहलू) के “विनाशक” या “परिवर्तक” माना जाता है।
शिव परिवार में:-
1. भगवान् शिव: भगवान शिव, हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक, विनाश और परिवर्तन की दिव्य शक्ति का प्रतीक हैं, जो नई रचना का मार्ग प्रशस्त करते हैं। उन्हें परम तपस्वी के रूप में पूजा जाता है, साथ ही एक दयालु रक्षक के रूप में भी, जो विपरीतताओं को अपने दिव्य अस्तित्व में समाहित कर लेते है।
2. माँ पार्वती : भगवान शिव की पत्नी माँ पार्वती हैं। शिवपुराण में कहा गया है कि माता पार्वती मैना और पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं। माँ पार्वती को शक्ति कहा जाता है। जीवन में सफलता और परिवार में सुख के लिए माँ गौरी या माँ पार्वती की पूजा करनी चाहिए।
3. ज्येष्ठ पुत्र कार्तिकेय (छह-मुखी): कार्तिकेय देवताओं के सेनापति हैं । उन्हें साहस और बल का प्रतीक माना जाता है। भगवान कार्तिकेय से ही मनुष्य को साहस, आत्मविश्वास और आत्मबल मिलता है।
4. अनुज पुत्र गणेश (हाथी-सिर): श्री गणेश जी की पूजा सभी देवताओं में सबसे पहले की जाती है। इनका पूजन किसी भी शुभ कार्य से पहले किया जाना चाहिए क्योंकि इससे पूजा का फल मिलता है। इनका पूजन सभी दुःख को दूर करता है। इन्हें गजमुख भी कहते हैं क्योंकि उनका मुख हाथी का है। ग्रंथों में इन्हें बुद्धि के देवता और विघ्नहर्ता (सभी बाधा दूर करने वाला) कहा गया है।
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परिवार के प्रत्येक सदस्य में अद्वितीय विशेषताएं, और शक्तियां हैं, जो हिंदू पौराणिक कथाओं और पूजा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
शिव परिवार में और कौन कौन से सदस्य हैं ?
पुत्री
पद्मपुराण के अनुसार, भगवान शिव की एक पुत्री भी हैं जिनका नाम ‘अशोक सुंदरी’ है| शास्त्रों के अनुसार, माता पार्वती को अकेलापन दूर करने के लिए अशोक सुंदरी को कल्पवृक्ष नामक पेड़ से बनाया गया था।
पुत्रवधु
हिंदू धर्म शास्त्रों में भगवान शिव की पुत्रवधु सिद्धि और बुद्धि बताई गई हैं। Shiva Purana के अनुसार ये प्रजापति विश्वरूप की पुत्रियां एवं गणेश भगवान् की पत्नी हैं। धर्म ग्रंथों में इनका नाम रिद्धि और सिद्धि है।
शास्त्रों के अनुसार सिद्धि सभी कार्यों और मनोरथों में उद्देश्यपूर्ण सफलता देती है। रिद्धि, या बुद्धि, मनुष्य के विवेक और ज्ञान के मार्ग को प्रशस्त करती हैं
भगवान गणपति के वाम भाग में सिद्धि देवी और दाएं भाग में बुद्धि का स्थान बताया गया है।
पौत्र
ग्रंथों में भगवान शिव के दो पौत्र, भगवान् गणेश के पुत्र क्षेम और लाभ का उल्लेख है। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, क्षेम देव हमारे द्वारा अर्जित पुण्य, धन, ज्ञान और मान सम्मान को बचाते हैं।
हमारे परिश्रम से बनाई गई हर चीज को क्षेम देव सुरक्षित रखते हैं, उसे बढ़ाते हैं और कम नहीं होने देते हैं।
वही दूसरी ओर, लाभ देव उसमे निरंतर वृद्धि करते हैं, जिससे हमें लाभ मिलता है। लाभ देव निरंतर हमारी सुख-समृद्धि, ज्ञान और सफलता बढ़ाते हैं।
मान्यता है कि हर दिन इस पूरे शिव परिवार की आराधना करने से भगवान भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी इच्छाएँ पूरी करते हैं।
चूहा, नाग, मोर, नंदी और शेर का शिव परिवार से किया संबंध है ?
बहुत साड़ी मान्यताओं में चूहा, नाग, मोर, नंदी और शेर को भी शिव परिवार को हिस्सा माना गया है :
नंदी : भगवान् शिव जी की सवारी
नाग : शिव जी के गले में वासुकि नाग रहते हैं
शेर : माँ पार्वती की सवारी
मोर : कार्तिकेय जी की सवारी
चूहा : गणेश जी का वाहन
यह सभी साथ में मिल जुल के शिव परिवार में ही रहते हैं।
चूहा, नाग, मोर, नंदी और शेर का एक साथ शिव परिवार में रहना क्यों आश्चर्य का विषय है?
हम सभी जानते हैं कि नाग चूहे का शत्रु है, और नाग का शत्रु मोर है। शेर नंदी का शत्रु है, लेकिन ये सभी एक साथ एक परिवार में रहते हैं और कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
शिव परिवार के इन सदस्यों से हमें यह सीख मिलती हैं कि परिवार में सभी लोगों के विचार अलग-अलग होते हैं, लेकिन हमें एकता बनाए रखनी चाहिए। अगर परिवार के सदस्य एक-दूसरे के शत्रुता रखेंगे तो परिवार टिक नहीं पाएगा। शिव परिवार के इन वाहनों में पार्वती जी का वाहन सिंह सबसे शाक्तिशाली है।
घर में शिव परिवार की फोटो या मूर्ति रखने के फायदे
वास्तु और ज्योतिष के मुताबिक, घर में शिव परिवार की तस्वीर या मूर्ति रखना अत्यंत शुभ माना गया है. ऐसा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, और घर में खुशहाली आती है.
शिव परिवार की तस्वीर या मूर्ति रखने से कई और फ़ायदे भी होते हैं, जैसे:
- सौभाग्य और समृद्धि आकर्षित होना
- अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाली को बढ़ावा मिलना
- परिवार में आपसी प्रेम बना रहना
- ज्ञान, शक्ति, और भक्ति का आशीष मिलना
- समस्याओं से बचना
- रास्ते से बाधाएं दूर होना
शिव परिवार की तस्वीर या मूर्ति घर में रखते समय हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? | शिव परिवार की तस्वीर लगाने के नियम
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, शिव परिवार की तस्वीर या मूर्ति घर में रखते समय हमें इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- तस्वीर को पूजा घर में लगाएं.
- शिव परिवार में भगवान शिव को शांत और तपस्या करते हुए या फिर प्रसन्न अवस्था में दिखाया जाना चाहिए
- तस्वीर में भगवान शिव को गुस्से की स्थिति में या अपने क्रोध रूप धारण किए हुए न दिखाएं. ऐसा करना घर की सुख-शांति के लिए अच्छा नहीं माना जाता
- शिव परिवार में महादेव, माता गौरी, गणेश जी, भगवान कार्तिकेय, और अशोक सुंदरी को दिखाया जाना चाहिए
- शिव परिवार में शिव जी के प्रिय गण नंदी, वासुकी, गणेश जी का वाहन मूषक, और कार्तिकेय जी का वाहन मोर भी दिखाया जा सकता है
- शिव परिवार की मूर्ति स्थापना दिशा हमेशा उत्तर या फिर पूर्व और उत्तर के कोण वाली दिशा में होना चाहिए
- तस्वीर लगाने की जगह पर बाथरूम का दरवाज़ा न खुलता हो
- शिव परिवार की तस्वीर को घर के बेडरूम में नहीं लगानी चाहिए
- तस्वीर में भगवान शिव, माता पार्वती, और सभी सदस्य बैठी हुई मुद्रा में प्रसन्नचित्त हों.
- तस्वीर को ऐसी जगह रखें जहां से सभी को महादेव के दर्शन होते रहें
शिव परिवार की फोटो किस दिशा में लगानी चाहिए ? शिव परिवार की मूर्ति स्थापना दिशा ?
वास्तुशास्त्र के अनुसार, इसे उत्तर या पूर्व-उत्तर दिशा में लगाना चाहिए। भगवान शिव का निवास स्थान, कैलाश पर्वत, उत्तर दिशा में है। इसलिए भगवान शिव की तस्वीर इस दिशा में लगाना शुभ माना जाता है।
सपने में शिव परिवार देखना
शिव परिवार की पूजा कैसे करें
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Shiv Parivar – Who All Are There?
“Shiva family” refers to the family of the Hindu deity Shiva, who is considered the “destroyer” or “transformer” of the Trimurti (the three primary aspects of the supreme deity in Hinduism).
In Shiva Pariwar:-
1. Lord Shiva: Bhagwaan Shiva, one of the principal deities in Hinduism, embodies the divine force of destruction and transformation, making way for new creation. He is worshipped as the ultimate ascetic, yet also as a compassionate protector, merging opposites within his divine being.
2. Mother Parvati: Mother Parvati is the wife of Lord Shiva. It is said in Shivpuran that Mother Parvati is the daughter of Maina and mountain king Himalaya. Mother Parvati is called Shakti. For success in life and happiness in the family, one should worship Maa Gauri or Maa Parvati.
3. Elder son Kartikeya (six-faced): Kartikeya is the commander of the gods. He is considered a symbol of courage and strength. It is only from Lord Kartikeya that man gets courage, confidence, and self-confidence.
4. Younger Son Ganesha (Elephant-Head): Shri Ganesha is worshiped first among all the gods. They should be worshiped before any auspicious work because this worship gives fruitful results. Worshiping them removes all sorrows. He is also called Gajmukh because he has the face of an elephant. In the scriptures, he has been called the god of intelligence and the remover of obstacles (remover of all obstacles).
Each member of the family has unique characteristics, and powers, that play an important role in Hindu mythology and worship.
Who are the other members of Shiv Parivar?
Daughter
According to Padmapuran, Lord Shiva also has a daughter whose name is ‘Ashoka Sundari’. According to the scriptures, Ashok Sundari was made from a tree called Kalpavriksha to remove the loneliness of Mother Parvati.
Daughter In Laws
In Hindu religious scriptures, Siddhi and Buddhi are described as the daughters-in-law of Lord Shiva. According to Shiva Purana, these are the daughters of Prajapati Vishwaroop and wives of Lord Ganesha. In religious texts, their names are Riddhi and Siddhi.
According to the scriptures, Siddhi gives objective success in all tasks and desires. Riddhi, or Buddhi (intelligence), paves the way for man’s wisdom and knowledge.
Siddhi Devi is mentioned on the left side of Lord Ganapati, and the place of wisdom is mentioned on the right side.
Grandsons
The scriptures mention two grandsons of Lord Shiva, Kshema and Labh, sons of Lord Ganesha. According to the Brahmavaivarta Purana, Kshem Dev protects the virtue, wealth, knowledge, and honor earned by us.
Kshem Dev protects everything created by our hard work, increases it, and does not allow it to diminish.
On the other hand, Labh Dev continuously increases it, due to which we get benefits. Labh Dev continuously increases our happiness, prosperity, knowledge, and success.
It is believed that by worshiping this entire Shiva family daily, Lord Bholenath gets pleased and fulfills all the wishes of his devotees.
What is the relation of rat, snake, peacock, Nandi, and lion with the Shiva family?
In many beliefs, rat, snake, peacock, Nandi, and lion are also considered part of the Shiva family:
Nandi: Ride of Lord Shiva
Snake: Vasuki snake lives around the neck of Lord Shiva.
Lion: Ride of Mother Parvati
Peacock: Ride of Kartikeya ji
Rat: Vehicle of Lord Ganesha
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All of them live together in the Shiva family.
Why is it a matter of surprise that rat, snake, peacock, Nandi and lion live together in Shiva Parivar?
We all know that the snake is the enemy of the rat, and the enemy of the snake is the peacock. The lion is Nandi’s enemy, but they all live together in one family and never harm anyone.
We learn from these members of the Shiva family that everyone in the family has different views, but we should maintain unity. If family members have enmity towards each other, then the family will not be able to survive. Among these vehicles of the Shiva family, Parvati ji’s vehicle Lion is the most powerful.
Benefits of keeping a photo or idol of Shiva Pariwar at home
According to Vastu and astrology, keeping a picture or idol of the Shiva family in the house is considered very auspicious. By doing this, happiness and peace are maintained in the house, negative energy is removed, and happiness comes into the house.
Keeping a picture or idol of the Shiva family also has many other benefits, such as:
- attract good luck and prosperity
- promote good health and well-being
- maintaining mutual love in the family
- Being blessed with knowledge, power, and devotion
- avoiding problems
- getting out of the way
What things should we keep in mind while keeping a picture or idol of the Shiva Parivar in the house?
According to Vastu Shastra, while keeping the picture or idol of the Shiva family in the house, we should keep these things in mind:
- Place the picture in the puja room.
- In Shiva Parivar, Lord Shiva should be shown calm and doing penance or in a happy state.
- Do not show Lord Shiva in a state of anger or in his angry form in the picture. Doing this is not considered good for the happiness and peace of the house.
- Mahadev, Mata Gauri, Ganesh ji, Lord Kartikeya, and Ashok Sundari should be shown in the Shiva family.
- In the Shiva family, Shiva’s favorite Gan Nandi, Vasuki, Ganesha’s vehicle Mushak, and Kartikeya’s vehicle Peacock can also be shown.
- Shiva Parivar should always be placed in the North or at an angle to the East and North.
- The bathroom door does not open at the photo location.
- The picture of the Shiv family should not be kept in the bedroom of the house.
- In the picture, Lord Shiva, Mother Parvati, and all the members are happy in a sitting posture.
- Keep the picture in such a place from where everyone can see Mahadev.
In which direction should the photo of the Shiv Parivar be placed? The direction of the installation of the idol of the Shiva family?
According to Vastu Shastra, it should be placed in the North or East-North direction. Mount Kailash, the abode of Lord Shiva, is in the north. Therefore, placing the picture of Lord Shiva in this direction is considered auspicious.
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