25 + Powerful Shiva Mantras According to Your Zodiac – Find Your Jyotirlinga & Hindi Meaning!

Shiva Mantras are a powerful way to connect with Lord Shiva, who is also known as Mahadev, one of the most revered deities in Hinduism. He is the god of destruction and transformation, representing the cycle of creation and dissolution. Devotees of Shiva chant various mantras to seek his blessings, attain inner peace, and protect themselves from negative energies.

Shiva Mantras and their Hindi meanings- शिव मंत्र और उनके हिंदी अर्थ

1. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
हम त्रिनेत्र भगवान शिव की पूजा करते हैं, जो सुगंधित और जीवन पोषण करने वाले हैं। कृपया हमें मृत्यु और बंधनों से मुक्त करें, और हमें अमरत्व प्रदान करें।

    2.ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।
    तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
    हम परम पुरुष शिव को जानें, महादेव की उपासना करें। रुद्र हमें सद्बुद्धि प्रदान करें।

    3.ॐ नमो भगवते रुद्राय॥
    भगवान रुद्र (शिव) को नमन करता हूँ।

    4. जटाटवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थले।
    गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम्॥
    जिनकी जटाओं से गंगाजल प्रवाहित हो रहा है, और गले में विशाल नागों की माला लटकी हुई है, ऐसे भगवान शिव की मैं स्तुति करता हूँ।

    5. नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
    विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपम्॥
    मैं ईशान (शिव) को नमन करता हूँ, जो ब्रह्मांड में व्याप्त हैं, निराकार हैं, और वेदों के स्वरूप हैं।

    6. ॐ नमः शिवाय॥
    मैं शिव को नमन करता हूँ।

    7. देवराजसेव्यमान पावनांगघायकम्।
    भानुकोटि भास्वरं भवाभयापनुत्तये॥
    जो देवताओं द्वारा पूजित हैं, जिनका स्वरूप सूर्य के करोड़ों किरणों के समान तेजस्वी है, वे कालभैरव हमें भय से मुक्त करें।

    देवराजसेव्यमान पावनांगघायकम्। भानुकोटि भास्वरं भवाभयापनुत्तये॥

    8. करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा।
    श्रमणमपि यत्सर्वं तत्क्षमस्व शिव॥
    हे शिव, मेरे हाथ, पैर, वाणी, शरीर और मन से किए गए सभी पापों को क्षमा करें।

    9. शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे।
    सर्वस्यार्तिहरे देव नारायण नमोऽस्तु ते॥
    हे शिव, जो शरणागतों की रक्षा करने वाले हैं और भक्तों के सभी दुख हरने वाले हैं, आपको नमन है।

    10.ॐ ह्रीं नमः शिवाय॥
    शिव और शक्ति की कृपा प्राप्त करने हेतु यह मंत्र शक्तिशाली है।

    11.ॐ उमा महेश्वराय नमः॥
    माता पार्वती और भगवान शिव को नमन करता हूँ।

    12.ॐ श्री शिवाय नमः॥
    श्री शिव को नमन करता हूँ।

    13. ॐ हौं जूं सः॥
    यह शिव का गूढ़ बीज मंत्र है, जो ध्यान और साधना में शक्ति प्रदान करता है।

    14. ॐ महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धीमहि।
    तन्नो शिवः प्रचोदयात्॥
    हम महादेव को जानें, रुद्रस्वरूप शिव की उपासना करें, वे हमें सद्बुद्धि प्रदान करें।

    15. ॐ रुद्राय नमः॥
    भगवान रुद्र (शिव) को नमन करता हूँ।

    16. ॐ पंचाक्षराय विद्महे शिवाय धीमहि।
    तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
    हम पंचाक्षर (ॐ नमः शिवाय) मंत्र के स्वरूप भगवान शिव को जानें, वे हमें ज्ञान प्रदान करें।

    17. नमः शम्भवे च मयोभवे च।
    नमः शंकराय च मयस्कराय च॥
    शंभु, जो कल्याणकारी हैं, उन्हें प्रणाम है। शंकर, जो आनंदकारी हैं, उन्हें भी प्रणाम है।

    18. देवराजसेव्यमान पावनांगघायकम्।
    भानुकोटि भास्वरं भवाभयापनुत्तये॥
    जो देवताओं द्वारा पूजित हैं, जिनका स्वरूप सूर्य के करोड़ों किरणों के समान तेजस्वी है, वे कालभैरव हमें भय से मुक्त करें।

    देवराजसेव्यमान पावनांगघायकम्।
भानुकोटि भास्वरं भवाभयापनुत्तये॥
    देवराजसेव्यमान पावनांगघायकम्। भानुकोटि भास्वरं भवाभयापनुत्तये॥

    19. करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा।
    श्रमणमपि यत्सर्वं तत्क्षमस्व शिव॥
    हे शिव, मेरे हाथ, पैर, वाणी, शरीर और मन से किए गए सभी पापों को क्षमा करें।

    20. शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे।
    सर्वस्यार्तिहरे देव नारायण नमोऽस्तु ते॥
    हे शिव, जो शरणागतों की रक्षा करने वाले हैं और भक्तों के सभी दुख हरने वाले हैं, आपको नमन है।

    21. ॐ उमा महेश्वराय नमः॥
    माता पार्वती और भगवान शिव को नमन करता हूँ।

    22. ॐ हौं जूं सः॥
    यह शिव का गूढ़ बीज मंत्र है, जो ध्यान और साधना में शक्ति प्रदान करता है।

    23. ॐ महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धीमहि।
    तन्नो शिवः प्रचोदयात्॥
    हम महादेव को जानें, रुद्रस्वरूप शिव की उपासना करें, वे हमें सद्बुद्धि प्रदान करें।

    24. ॐ शिवदूताय विद्महे महाकालाय धीमहि।
    तन्नो यमः प्रचोदयात्॥
    हम शिव के दूत महाकाल को जानें, वे हमें सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा दें।

    25. ॐ परमात्मने नमः॥
    परमात्मा स्वरूप शिव को नमन करता हूँ।

    26. Shiva Stuti Mantra – शिव स्तुति मंत्र

    कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
    सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि॥
    जो कपूर के समान गौरवर्ण हैं, करुणा से पूर्ण हैं, जो इस संसार के सार हैं, और जिनके गले में नागराज का हार सुशोभित है, ऐसे भगवान शिव को माता पार्वती के साथ मैं नमन करता हूँ।

    27. नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय
    भस्मांगरागाय महेश्वराय॥
    जो नागों की माला धारण करते हैं, तीन नेत्र वाले हैं, और भस्म का श्रृंगार करते हैं, ऐसे महेश्वर शिव को नमन करता हूँ।

    नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय
भस्मांगरागाय महेश्वराय॥
    नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय
    भस्मांगरागाय महेश्वराय॥

    Shiva Panchakshara Stotra – शिव पंचाक्षर स्तोत्र

    नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय
    भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
    नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय
    तस्मै नकाराय नमः शिवाय

    मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय
    नन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय ।
    मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय
    तस्मै मकाराय नमः शिवाय
    शिवाय गौरीवदनाब्जबृंदा
    सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।
    श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय
    तस्मै शिकाराय नमः शिवाय

    वशिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्यमूनीन्द्र देवार्चिता शेखराय ।
    चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय
    तस्मै वकाराय नमः शिवाय
    यज्ञस्वरूपाय जटाधराय
    पिनाकहस्ताय सनातनाय ।
    दिव्याय देवाय दिगम्बराय
    तस्मै यकाराय नमः शिवाय

    पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसंनिधौ ।
    शिवलोकमावाप्नोति शिवेन सह मोदते

    मैं उन शिव को नमस्कार करता हूँ,

    जो सर्पों के राजा को हार के रूप में धारण करते हैं,

    जिनके तीन नेत्र हैं,

    जो अपने शरीर पर भस्म लगाते हैं,

    जो महान ईश्वर हैं,

    सदा नित्य,

    शुद्ध और दिशाओं को ही वस्त्र मानने वाले हैं;

    जो गंगा के जल और चंदन से सुशोभित हैं,

    नंदी और प्रमथगणों के स्वामी महेश्वर हैं,

    मंदार और अनेक फूलों से पूजित हैं;

    जो पार्वती के कमल जैसे मुख के लिए सूर्य हैं,

    जिन्होंने दक्ष के यज्ञ को नष्ट किया,

    जिनका कंठ नीला है और

    जो वृषभ को अपने ध्वज के रूप में धारण करते हैं;

    जिनकी पूजा वशिष्ठ, अगस्त्य, गौतम जैसे महान मुनियों और देवताओं ने की,

    जिनके मस्तक पर चंद्रमा शोभा है,

    जिनके तीन नेत्र चंद्रमा, सूर्य और अग्नि के समान हैं;

    जो यज्ञ के स्वरूप हैं,

    जिनके जटाजूट हैं,

    जो पिनाक धनुष धारण करते हैं,

    सनातन और दिव्य देव हैं,

    दिशाओं को वस्त्र मानते हैं।

    जो इस पवित्र पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ शिव के समीप करता है, वह शिवलोक को प्राप्त करता है और शिव के साथ आनंद में रहता है।

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    Shiva Mantras and their Jyotirlingas according to zodiac signs-राशियों के अनुसार शिव मंत्र और उनके ज्योतिर्लिंग

    राशिशिव मंत्रसंबंधित ज्योतिर्लिंग
    मेषॐ महाकालाय नमः।महाकालेश्वर, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
    वृषभॐ नमः शिवाय।सोमनाथ, गुजरात
    मिथुनॐ शं शिवाय नमः।बैद्यनाथ, झारखंड
    कर्कॐ नमः पार्वतीपतये हर हर महादेव।भीमाशंकर, महाराष्ट्र
    सिंहॐ हं हौं नमः शिवाय।त्र्यम्बकेश्वर, महाराष्ट्र
    कन्याॐ नमः शिवाय शंभवे।केदारनाथ, उत्तराखंड
    तुलाॐ शिवाय नमः।ओंकारेश्वर, मध्य प्रदेश
    वृश्चिकॐ हौं जूं सः।काशी विश्वनाथ, उत्तर प्रदेश
    धनुॐ नमः शिवाय शिवाय नमः।नागेश्वर, गुजरात
    मकरॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।रामेश्वरम, तमिलनाडु
    कुंभॐ ह्रीं नमः शिवाय।ग्र‍ीष्णेश्वर, महाराष्ट्र
    मीनॐ उमा महेश्वराय नमः।मल्लिकार्जुन, आंध्र प्रदेश

    Conclusion

    Chanting these powerful Shiva mantras dedicated to Lord Shiva brings inner peace, spiritual enlightenment, and divine blessings. Devotees believe that sincere recitation of these Shiva mantras removes obstacles, grants strength, and connects them with the ultimate truth. Let the divine grace of Mahadev illuminate our paths.

    हर हर महादेव! 🚩

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